Thursday, December 30, 2010

अकेले खाना न खाएं, क्योंकि...

अच्छे स्वास्थ्य और सुखी जीवन के लिए सही भोजन बहुत जरूरी है। साथ ही भोजन किस प्रकार करना चाहिए, इस बात का भी हमारे स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव पड़ता है। खाने के संबंध में ऐसी मान्यता है कि परिवार के सभी सदस्यों को एक साथ भोजन करना चाहिए। घर में ही नहीं बल्कि बाहर भी अकेले खाना नहीं चाहिए। घर के बाहर मित्रों के साथ खाना खाने से मित्रता का रिश्ता और मजबूत बनता है।

अधिकांश बड़े-बुजूर्ग अक्सर यही बात कहते हैं कि खाना सभी को एक साथ बैठकर खाना चाहिए। इससे घर के सदस्यों में प्रेम बढ़ता है और रिश्ते मजबूत बनते हैं। यदि हम पुराने समय से आज की तुलना करें तो यही बात सामने आती है कि आज अधिकांश घरों में लड़ाइयां बढ़ रही हैं। परिवार के सदस्यों में परस्पर प्रेम की कमी आ गई है और अपनापन घट रहा है। जबकि पुराने समय में परिवार के सभी सदस्यों में अटूट प्रेम रहता था और सभी एक-दूसरे का पूरा-पूरा ध्यान रखते थे। इसकी वजह यही है कि उस समय दिन में कम से कम दो बार पूरा परिवार साथ बैठता था और सभी साथ खाना खाता थे। उस समय सभी जीवन की कई परेशानियों का हल निकाल लेते थे। जबकि आज समय अभाव के कारण घर के सभी सदस्य पर्याप्त समय नहीं निकाल पाते। ऐसे में सदस्यों का आपस में संपर्क काफी कम हो जाता है। धीरे-धीरे इसी वजह से परिवार में कलह आदि की बात सामने आने लगती है। इन्हीं कारणों से सभी विद्वान और वृद्धजन यही बात कहते हैं कि पूरे परिवार को एक साथ खाना चाहिए। ताकि सभी सदस्यों का आपस में संपर्क हमेशा बना रहे और प्रेम में किसी भी प्रकार की कोई न आ सके।

सभी के साथ खाना खाने से हम अच्छे से भोजन कर पाते हैं, जबकि अकेले में कई बार ठीक से भोजन नहीं हो पाता। यह स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। साथ ही पूरा परिवार एक साथ खाना खाएगा तो सभी का खाने का समय भी निश्चित रहेगा। इससे परिवार के सभी सदस्यों की सेहत भी अच्छी रहती है।

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