Monday, October 24, 2011


दीवाली कारटीक की अमावस की रात को, जो कि इंगलीश कैलन्डर के अनुसार अक्टूबर या नवंबर के महीने में होता है, मनाई जाती है |

दीवाली का अर्थ है दीपोंवालीं, संस्कृत का शब्द है 'दीपावली' | दीवाली शब्द वहाँ से लिया गया है, यानी दीपों का त्योहार | दीवाली अन्धेरे से प्रकाश, रोशनी में लाने का प्रतीक है | सत्य की सदा जीत होती है झूठ का नाश होता है | उस दिन दिया में तेल, बती डाल कर जलाया जाता हैं, इस लिये यह नाम दिया गया है |

दीवाली सारे भारत में एक या दूसरे तरीके से मनाई जाती है | हर प्रांत की कहानी थोड़ी अलग है पर कुछ न कुछ अधार बनाकर खूब धूमधाम से यह त्योहार मनाया जाता है | कई पीढ़ियों से यह त्योहार चला आ रहा है |

दक्षिण भारत में कर्नाटक में एक बाली नाम का राजा हुआ करता था | वह बहुत बलवान था | खूब लड़ाई लड़ता था | दुनिया की शान्ति भंग किये हुए था | एक बार भगवान भिखारी का रूप धारण करके पृथ्वी पर आये | उन्होंने बाली से तीन पग भूमि का दान माँगा | बाली सोचा कि यह तो कुछ नहीं है | उस ने हाँ कर दी | फरि भगवान ने अपना साक्षात रूप धारण किया | उन्होंने एक कदम में स्वर्ग लोक, दूसरे कदम में पाताल लोक लेकर पूछा तीसरा कदम कहाँ रखूँ ? तो बाली ने अपना सिर उनको कदम रखने के लिए आगे किया | यह सब अश्विन् मास की अमावस वाले दिन हुआ | फरि नया चाँद कार्तिक का मास आरंभ करता है | उस समय में दीवाली मनाई जाती है |




उत्तर भारत में यह त्योहार श्री राम चन्द्र का लंका जीत कर | ४ साल वनवास के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है |

भारत के पश्चिम भाग गुजरात में व्यापारिक लोग लक्ष्मी माता की पूजा करते हैं जो कि घन और आबादी की देवी है | हिसाब-किताब पुराने खतम किये जाते हैं | घर-घर में लक्ष्मी-पूजन होता है | व्यापारी लोग नये सिरे से अपनी दुकान को भरपूर सजाते हैं | किसान लोगों की खेती पक जाती है | खेती से चल कर लक्ष्मी किसान के घर पहुँच जाती है | किसान प्रसाद के रूप में नये अनाज की खीलें बांटता है | कुम्हार नये खिलौने बनाते हैं | हलवाई बढ़-बढ़कर मिठाइयां और पकवान बनाते हैं | नये बैल मोल लिये जाते हैं | नई गाड़ियाँ खरीदी जाती हैं | नये गहने बनवाये जाते हैं | नये कपड़े, नई वस्तुएँ, नई-नई चीज़ों की मांग दीवाली के दिन होती है | हर दुकानदार की बिक्री अच्छी होती है | लोगों के घर लक्ष्मी का आगमन होता है |

पौराणिक तौर पर लक्ष्मी पूजन गणेश के साथ होता है | श्री गणेश को पूजा से नई चीज़ों का आरम्भ किया जाता है | गणेश भगवान शिव और पारवती के बेटे हैं | गणेश भगवान सब संकट, बधनों को दूर करने वाले हैं | गणेश और लक्ष्मी की प्रतिमाएँ घर-घर में लाई जाती हैं व उनका पूजन किया जाता है |


लोगों में दीवाली की इतनी उमंग होती है कि कई दिन पहले से ही लोग इस की बात करने लगते हैं | गरीब से गरीब हिन्दुस्तानी भी अपने घर का कोनारूकोना साफ़ कर लेते हैं | दीवारों पर सफ़ेदी करवा लेता है | हर एक यही कोशिश करता है कि उसका घर सब से सुन्दर हो | बच्चे लोग पटाके, फूल जड़ियाँ चलाने पहले से शुरु कर देते हैं | दीवाली के दिन सब खूब मिठाइयों के उपहार एक दूसरे को बाँटते हैं, घर-घर में सुन्दर-सुन्दर दिये जलाए जाते हैं और अस्तबाजी की जाती है | बड़े छोटे सभी भाग लेते हैं | सब पर खुशी की सीमा नहीं होती |

दीवाली पर सफ़ाई करने से हर एक चीज़ में नयापन आता है, गन्दगी, बीमारियों के कीटाणु खतम होते हैं | कई लोग जुआ भी खेलते हैं दिवाली का पूरा आनन्द लेने के लिये | क्योंकि दीवाली पर परिवार के सदस्य इकट्ठे हुए होते हैं, तो समय का पूरा सदप्रयोग किया जाता है | मज़ा लेने के लिये व मस्ती करने के लिये ताश, कोड़िया आदि खेली जाती है | जहाँ हिन्दू लोगों की आबादी है दीवाली मनाई जाती है |

No comments:

Post a Comment